Monday, 22 October 2012

मलेशिया भी भारतीय गेहूं आयात करने का इच्छुक

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मलेशियाई मंत्री ने गेहूं की नियमित खरीद में रुचि दिखाई ईरान के बाद मलेशिया ने भी भारत से नियमित रूप से गेहूं आयात करने में दिलचस्पी दिखाई है। मलेशिया भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिए सक्रिय है जबकि भारत में अनाज का रिकॉर्ड स्टॉक है। भारत ने पिछले साल सितंबर में गेहूं के निर्यात पर रोक हटा दी थी। पिछले तीन वर्षों से देश में गेहूं व चावल का बंपर उत्पादन होने के कारण अच्छा स्टॉक हो गया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री के. वी. थॉमस ने मलेशिया के कृषि मंत्री दातुक सेरी नोह बिन उमर के साथ बातचीत के बाद संवाददाताओं को बताया कि जिस तरह ईरान ने भारत से नियमित रूप से गेहूं खरीद के लिए पहल की है, मलेशिया ने भी इसी तरह का दीर्घकालिक रिश्ते बनाने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने बताया कि अभी भारत से प्राइवेट स्तर पर व्यापारियों द्वारा छोटी मात्रा में मलेशिया को गेहूं का निर्यात किया जा रहा है। लेकिन अब वह राजनयिक माध्यम से बड़ी मात्रा में गेहूं नियमित रूप से आयात करने का इच्छुक है। थॉमस के अनुसार मलेशियाई सरकार द्वारा इस संबंध में औपचारिक प्रस्ताव भेजे जाने के बाद फैसला किया जाएगा। हमने उन्हें औपचारिक प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। इसके अलावा भारतीय गेहूं की क्वालिटी जांच के लिए तकनीकी टीम भेजने के लिए मलेशिया से कहा गया है। थॉमस के साथ मलेशियाई मंत्री की बैठक में पाम तेल के मसले पर भी बातचीत की गई। ईरान के साथ गेहूं निर्यात सौदे में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर थॉमस ने बताया कि ईरान के स्तर पर मसले सुलझने बाकी हैं। उनका समाधान उसे ही करना है। देश में जरूरत से ज्यादा स्टॉक होने के कारण सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं निर्यात करने का प्रयास कर रही है।

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